मायावती ने नीली टीशर्ट पहनने को बताया सस्ती राजनीति, बाबा साहेब के अनुयायियों के लिए कांग्रेस-भाजपा की नीतियों पर उठाए सवाल। – Delhi News
Parliament में राहुल गांधी, गुरुवार को नीली टीशर्ट में पहुंचे थे. इस पर बसपा चीफ मायावती ने टिप्पणी की है. उन्होंने राहुल के इस कदम को सस्ती राजनीति बताया है.
.नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की संसद में नीली टीशर्ट पहनकर पहुंचने पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने इसे “सस्ती राजनीति” करार देते हुए विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “संविधान का जगह-जगह लहराना व नीला रंग पहनना आदि दिखावे की सस्ती राजनीति है। यह सब करने के पहले सत्ता व विपक्ष दोनों को अपने दिल में पड़े संकीर्णता, जातिवाद एवं द्वेष आदि के कालेपन को साफ करना होगा। तभी दलित, पिछड़े वर्गों और देश का सही हित संभव है।”
राहुल गांधी पर निशाना
राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद के शीतकालीन सत्र में नीली टीशर्ट पहनकर उपस्थिति दर्ज कराई थी। इसे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति श्रद्धा के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन बसपा प्रमुख मायावती ने इसे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्ष, दोनों पार्टियां डॉ. अंबेडकर के सिद्धांतों को सही मायनों में नहीं अपनातीं और उनके अनुयायियों के प्रति अन्याय करती हैं।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के प्रति दिल से सम्मान नहीं करना और उनके अनुयायियों के साथ अन्याय-अत्याचार करना, उनके संवैधानिक और कानूनी अधिकार छीनने में सत्ता और विपक्ष एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। यह केवल वोट के स्वार्थ की राजनीति है।”
गृह मंत्री अमित शाह पर भी साधा निशाना
मायावती ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में डॉ. भीमराव अंबेडकर के संदर्भ में दिए गए बयान पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “अमित शाह द्वारा बाबा साहेब के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया, उनसे दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। ऐसे में उन्हें अपने शब्द वापस लेकर पश्चाताप करना चाहिए।”
बसपा प्रमुख ने कांग्रेस और भाजपा पर समान रूप से निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों की नीतियां हमेशा से संकीर्ण और जातिवादी रही हैं। “कांग्रेस, भाजपा और इनके सहयोगी दलों का चाल, चरित्र और चेहरा बाबा साहेब अंबेडकर और उनके करोड़ों दलित-पिछड़े, शोषित-पीड़ित अनुयायियों के हित और कल्याण के प्रति हमेशा नकारात्मक रहा है। यही कारण है कि इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति बदतर बनी हुई है,” मायावती ने लिखा।
सस्ती राजनीति या जनभावनाओं का सम्मान?
राहुल गांधी की नीली टीशर्ट ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग इसे डॉ. अंबेडकर के प्रति सम्मान का प्रतीक मानते हैं, वहीं आलोचक इसे महज दिखावा बता रहे हैं। मायावती के बयान ने इस बहस को और तेज कर दिया है।
बसपा की रणनीति
मायावती के इस बयान को 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। उनके बयान से साफ है कि बसपा दलित और पिछड़े वर्गों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस और भाजपा, दोनों पर हमला करने की तैयारी में है।
Sau Baat Ki Ek Baat..
संसद में राहुल गांधी की नीली टीशर्ट और मायावती के इस पर बयान ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में कांग्रेस और भाजपा इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं और बसपा किस तरह अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने का प्रयास करती है।
Web Title ; Delhi News | Mayawati furious over Rahul Gandhi’s blue T-shirt, targets Congress-BJP