Kumbh Mela 2025: अभेद्य सुरक्षा के लिए 50 हजार पुलिसकर्मी, ड्रोन निगरानी और नौसेना कमांडो तैनात

डीजीपी प्रशांत कुमार ने महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को बताया अभेद, जल, थल और आसमान से श्रद्धालुओं की होगी चौकसी।

महाकुंभ-2025 के प्रमुख स्नान पर्व

पौष पूर्णिमा13 जनवरी
मकर संक्रांति (शाही स्नान)14 जनवरी
मौनी अमावस्या (शाही स्नान)29 जनवरी
बसंत पंचमी (शाही स्नान)3 फरवरी
माघी पूर्णिमा12 फरवरी
महा शिवरात्रि26 फरवरी

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ 2025 के आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय किए हैं। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पावन स्नान के साथ शुरू होने वाले महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुरक्षित और सुव्यवस्थित रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में इस बात की जानकारी दी।

50 हजार पुलिसकर्मी और विशेष बल तैनात

डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ के दौरान लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनमें एटीएस (एंटी टेरर स्क्वाड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) जैसे विशेष बल शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) और सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के जवान भी इस सुरक्षा अभियान का हिस्सा होंगे।

नदी मार्ग की सुरक्षा के लिए विशेष अधिकारियों और नौसेना कमांडो के साथ ‘जल पुलिस’ की एक बड़ी टुकड़ी भी तैनात की जा रही है।

ड्रोन निगरानी और हवाई सुरक्षा

डीजीपी ने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र में 2,700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही, ड्रोन और हवाई निगरानी की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा, “ड्रोन या अन्य हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें निष्प्रभावी करने के लिए ड्रोन-विरोधी टीमें तैनात की गई हैं।”

ड्रोन के माध्यम से महाकुंभ के प्रमुख स्थलों पर लगातार निगरानी रखी जाएगी। आयोजन स्थल के चारों ओर रणनीतिक बिंदुओं पर कई ड्रोन लगाए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

भीड़ प्रबंधन और भगदड़ रोकने के उपाय

महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित रखने के लिए अभिनव उपाय किए गए हैं। डीजीपी ने कहा कि वीआईपी संस्कृति को नियंत्रित करने के लिए चार पहिया वाहनों को महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सामान्य दिनों में श्रद्धालुओं को लगभग 1 किलोमीटर पैदल चलना होगा, जबकि शाही स्नान जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर यह दूरी 3 किलोमीटर तक बढ़ा दी जाएगी।

इसके अलावा, 102 पार्किंग स्थलों पर 5 लाख से अधिक वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। भगदड़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिए विशेष मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की गई हैं।

आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियां

डीजीपी ने कहा कि आग, डूबने, भगदड़, और सीबीआरएन (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) दुर्घटनाओं जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए 54 एसओपी तैयार की गई हैं। इन एसओपी के तहत पुलिस, प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से हर स्थिति को संभाला जाएगा।

खोया-पाया केंद्रों की डिजिटल सुविधा

महाकुंभ के दौरान, खोए हुए लोगों की मदद के लिए 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाने में सहायता करना है। डीजीपी ने कहा, “इन केंद्रों में खोए हुए लोगों को आराम और देखभाल दी जाएगी, जब तक कि वे अपने परिवारों से नहीं मिल जाते।”

साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महाकुंभ के दौरान साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि साइबर हमलों और डिजिटल ठगी जैसी समस्याओं को रोकने के लिए विशेष साइबर सुरक्षा टीमें तैनात की गई हैं।

12 किलोमीटर घाट और 4000 हेक्टेयर का क्षेत्र

महाकुंभ का आयोजन 12 किलोमीटर लंबे घाटों और 4000 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में किया जा रहा है। इस क्षेत्र में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल, थल और आसमान से चौकसी की जाएगी।

सुरक्षा की अभेद व्यवस्था

डीजीपी ने कहा कि महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था अभेद होगी। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आयोजन की सफलता है। किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए गए हैं।”

Sau Baat Ki Ek Baat..

महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। 50,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती, ड्रोन निगरानी, साइबर सुरक्षा, खोया-पाया केंद्र और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के विशेष इंतजाम इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने के लिए तैयार हैं।

श्रद्धालु भी इन व्यापक सुरक्षा इंतजामों से निश्चिंत होकर अपनी आस्था को महाकुंभ में व्यक्त कर सकेंगे।

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