कुंभ मेले (Kumbh Mela) की पवित्रता पर बोले मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी: साधु-संतों को दी चेतावनी, सियासत से बचने की नसीहत
प्रयागराज: प्रयागराज कुंभ मेले में साधु-संतों द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से कहा कि कुंभ मेले जैसी पवित्र धार्मिक परंपरा को सियासत का अखाड़ा बनाना उचित नहीं है। मौलाना ने साधु-संतों और अखाड़ा परिषदों को चेतावनी देते हुए कुंभ मेले की पवित्रता बनाए रखने की अपील की।
कुंभ मेला पवित्र, सियासत से बचें: मौलाना
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा, “कुंभ मेला हिंदू धर्म का बेहद पवित्र मेला है। इसे हिंदू-मुस्लिम विवाद का केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए। साधु-संतों और अखाड़ा परिषदों को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि मेला सियासी मंच न बने।”
मौलाना ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से मांग की कि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए, जो कुंभ मेले की पवित्रता को आघात पहुंचा सकती हैं।
वक्फ बोर्ड पर साधु-संतों के बयान का विरोध
प्रयागराज में जगतगुरु रामानंदाचार्य द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स पर भी मौलाना ने आपत्ति जताई। होर्डिंग में लिखा गया था: “वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है, धर्मनिरपेक्ष देश में यह कैसी छूट है।”
इस बयान पर मौलाना ने कड़ा विरोध करते हुए कहा, “वक्फ बोर्ड का गठन लाचार और बेबस विधवाओं की मदद के लिए किया गया था। वक्फ की संपत्तियां मुसलमानों द्वारा दी गई हैं। किसी भी हिंदू ने वक्फ बोर्ड को कोई जमीन नहीं दी है।”
सनातन बोर्ड के गठन का समर्थन
मौलाना रिजवी ने सुझाव दिया कि जिस प्रकार वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है, उसी प्रकार सनातन बोर्ड का भी गठन होना चाहिए। उन्होंने कहा, “मंदिरों और मठों की संपत्तियों की निगरानी के लिए सनातन बोर्ड का गठन बहुत जरूरी है। मैं इस पहल का समर्थन करता हूं।”
साधु-संतों पर आरोप: हिंदू-मुस्लिम एकता के दुश्मन
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने साधु-संतों पर देश में हिंदू-मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “साधु-संत हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे कुंभ मेले जैसे पवित्र आयोजन को राजनीतिक अखाड़ा बना रहे हैं, जो कि बिल्कुल गलत है।”
मौलाना ने सरकार से मांग की कि ऐसे बयानों और गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, जो समाज में फूट डालने का प्रयास कर रही हैं।
Kumbh Mela: विवाद का केंद्र क्यों?
हाल ही में प्रयागराज कुंभ मेले में जगतगुरु रामानंदाचार्य के होर्डिंग्स ने विवाद को जन्म दिया। इन होर्डिंग्स पर लिखे गए नारों ने धार्मिक और राजनीतिक माहौल को गरमा दिया। इससे पहले भी उन्होंने “डरेंगे तो मरेंगे” जैसे विवादित होर्डिंग्स लगाए थे, जिनकी देशभर में काफी चर्चा हुई थी।
मौलाना ने कहा कि इस तरह के विवादित बयान और नारे कुंभ मेले की पवित्रता को आघात पहुंचाते हैं। उन्होंने साधु-संतों से अपील की कि वे ऐसे विवादित मुद्दों को उठाने से बचें।
कुंभ मेले की पवित्रता बनाए रखने का आग्रह
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने साधु-संतों और अखाड़ा परिषदों से अपील करते हुए कहा कि, “कुंभ मेले (Kumbh Mela) को धर्म और आध्यात्म का केंद्र बने रहने दें। इसे हिंदू-मुस्लिम विवाद या सियासी मुद्दों का मंच न बनाएं। “उन्होंने यह भी कहा कि पवित्रता बनाए रखने के लिए सभी समुदायों को आपसी सहिष्णुता और एकता के साथ कार्य करना चाहिए।