UP बीजेपी में बड़ा बदलाव! 29 जिलाध्यक्षों की कुर्सी खतरे में, नए चेहरों की एंट्री तय। जानें पूरा अपडेट

UP बीजेपी में बड़ा बदलाव! 29 जिलाध्यक्षों की कुर्सी खतरे में, नए चेहरों की एंट्री तय। जानें पूरा अपडेट

लखनऊ। UP में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संगठनात्मक जिलाध्यक्षों के बदलाव की प्रक्रिया जोरों पर है। इस बार पार्टी ने स्पष्ट नियम लागू किया है कि लगातार दो बार जिलाध्यक्ष रह चुके नेताओं को तीसरी बार यह मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में 29 जिलों में बदलाव तय है। नए जिलाध्यक्षों के चयन का उद्देश्य 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करना है। भाजपा में 2 बार से जिलाध्यक्ष रहने वाले हटाए जाएंगे। इस बार नियम बनाया गया है कि लगातार 2 बार जिलाध्यक्ष रहने वालों को तीसरी बार मौका नहीं मिलेगा। ऐसे 29 जिले हैं, जिनमें दो बार से एक ही व्यक्ति जिलाध्यक्ष है। नए जिलाध्यक्षों पर दो महत्वपूर्ण चुनाव पंचायत- 2026 और विधानसभा- 2027 कराने की जिम्मेदारी रहेगी। इसकी वजह से दावेदार लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं।

सांसद-विधायक की पसंद बनी चुनौती

सांसद और विधायक अपने मनपसंद नेताओं को जिलाध्यक्ष पद दिलाने के लिए जोर-शोर से जुटे हैं। यह पद चुनावी दृष्टिकोण से बेहद अहम है, क्योंकि प्रत्याशियों के चयन में जिलाध्यक्ष की राय महत्वपूर्ण होती है। इसके अलावा जिलाध्यक्ष पार्टी के संगठन और रणनीति को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सांसद और विधायक तक की इस पद में दिलचस्पी है। वह अपने मनपसंद को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। दावेदारों ने भी लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ तेज कर दी है। भाजपा के नए जिलाध्यक्ष बनाने की प्रॉसेस शुरू हो गई है। कार्यकाल 3 साल का रहेगा। 10 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए गए। लखनऊ से 22 या 23 जनवरी तक नामों की घोषणा हो जाएगी।

VIP जिलों में नेतृत्व का फैसला ऊपर से होगा

सियासत के जानकारों का कहना है कि कुछ खास जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति सीधे शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर होगी। वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और अमेठी जैसे जिलों में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पसंद को तवज्जो दी जाएगी। वाराणसी में जिलाध्यक्ष पीएम नरेंद्र मोदी, गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ, मुरादाबाद में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, महराजगंज में केंद्रीय मंत्री पंकज सिंह, चंदौली में महेंद्रनाथ पांडेय की पसंद से ही नियुक्त किए जाएंगे।

पार्टी नेतृत्व की प्राथमिकता

पार्टी नेतृत्व ने इस बार आयु सीमा 45-60 साल निर्धारित की है। इसके साथ ही जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की जा रही है। अगड़ी जातियों में ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य और कायस्थ; पिछड़ी जातियों में यादव, कुर्मी, मौर्य, सैनी; और दलित वर्ग में जाटव, पासी और धोबी जैसे समुदायों को प्रतिनिधित्व देने की योजना है।

बदलाव की प्रक्रिया और चुनौतियां

जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय में सौंप दी है। 22 या 23 जनवरी को जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। हालांकि, कुछ जिलाध्यक्षों को फिर से मौका दिए जाने की अटकलें भी हैं, क्योंकि वे प्रदेश नेतृत्व के करीबी माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव- 2022 में आजमगढ़, शामली, कौशांबी और अंबेडकर नगर में भाजपा का खाता तक नहीं खुला था। ऐसे में इन 4 जिलों में जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी गहन मंथन कर रही है।

नए जिलाध्यक्षों की जिम्मेदारी

नए जिलाध्यक्षों को आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव में पार्टी की मजबूती के लिए रणनीति तैयार करनी होगी। संगठन को गांव-गांव तक पहुंचाना और पार्टी के लिए एकजुटता सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होगी।

क्या नए प्रदेश अध्यक्ष को मिलेगा मौका?

इस बीच, यूपी बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की अटकलें भी तेज हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष को जिलाध्यक्षों की टीम मिलने के बाद ही अपना कार्यकाल शुरू करना होगा।

प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी शुरू

अंदर की बात तो ये है कि यूपी भाजपा को इस महीने नया प्रदेश अध्यक्ष भी मिल सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी शुरू की है। तावड़े ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य नेताओं से मुलाकात भी की है।

जानकारों के मुताबिक, विपक्ष की ओर से भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने, डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का मुद्दा बनाया जा रहा है। ऐसे में दलित वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी नेतृत्व पिछड़े या दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर मंथन कर रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष को नहीं मिलेगा टीम बनाने का मौका

भाजपा में यह परंपरा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष ही महामंत्री संगठन से रायशुमारी कर अपनी टीम गठित करते हैं। इनमें क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष तक शामिल हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी 25 मार्च, 2023 को अपनी प्रदेश टीम और सितंबर, 2023 में जिलों की टीम बनाई थी। लेकिन, इस बार चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। 1510 से अधिक मंडल अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी 22 या 23 जनवरी तक हो जाएगी। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होंगे। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष को अपनी पसंद से जिलाध्यक्ष नियुक्त करने का मौका नहीं मिलेगा।

यूपी BJP जिलाध्यक्षों की घोषणा 22 या 23 जनवरी को: भूपेंद्र चौधरी का बड़ा बयान

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Web Title: Big change in UP BJP! Chair of 29 District Presidents in danger, entry of new faces is certain. Know the complete update

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