बाल विवाह मुक्त गांव: दुर्वेशपुर में जागरूकता की नई पहल, बेटियों ने ली शपथ- Meerut News

बाल विवाह के खिलाफ दुर्वेशपुर की बेटियों का शपथ: जानिए इस जागरूकता अभियान की पूरी कहानी। आइए, बाल विवाह मुक्त भारत का हिस्सा बनें!

Meerut: बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जनहित फाउंडेशन मेरठ ने अनूठा कदम उठाया है। इस अभियान के अंतर्गत गांव दुर्वेशपुर, ब्लॉक सरधना में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं, किशोरियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और इस प्रथा के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करना था। बेटियों ने “मेरी बेटी अभी पढ़ेगी, विवाह की सूली नहीं चढ़ेगी” जैसे नारे लगाकर समाज को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।

नीरा फाउंडेशन की निदेशिका डॉ. नीरा तोमर ने महिलाओं और किशोरियों को संबोधित करते हुए कहा, “बाल विवाह केवल एक कुप्रथा नहीं, बल्कि यह बच्चों के अधिकारों का हनन है। इसे खत्म करने के लिए हमें जागरूक होना होगा और अपने आसपास के लोगों को भी इस सामाजिक समस्या के प्रति जागरूक करना होगा।”

बाल विवाह मुक्त अभियान का प्रभाव

जनहित फाउंडेशन की निर्देशिका श्रीमती अनीता राणा ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत अब तक मेरठ जिले के कई गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इन कार्यक्रमों में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा, “बाल विवाह से न केवल बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह समाज के विकास में भी बाधा डालता है। इसे रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।”

किशोरियों के लिए विशेष समूह का गठन

कार्यक्रम में किशोरियों के लिए एक विशेष किशोरी समूह का गठन किया गया। इस समूह का उद्देश्य लड़कियों को उनके अधिकारों और शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना है। इस समूह की सदस्य गांव में बाल विवाह रोकने के लिए जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगी।

गांव के प्रधान और महिलाओं का सहयोग

गांव प्रधान आसमा ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा, “बाल विवाह रोकने का यह प्रयास सराहनीय है। इसके लिए हमें अपने परिवारों और समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ाना होगा।” इस कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संतरेश और नजमा ने भी सक्रिय भागीदारी की और ग्रामीण महिलाओं को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में बताया।

भारत सरकार का बाल विवाह मुक्त अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है, जो इस अभियान की प्रगति को ट्रैक करता है।

कैंडल मार्च और शपथ ग्रहण समारोह

कार्यक्रम के अंत में कैंडल मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और किशोरियों ने भाग लिया। कैंडल मार्च के जरिए समाज में यह संदेश दिया गया कि अब बेटियों को उनके अधिकार मिलेंगे और बाल विवाह के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।

जनहित फाउंडेशन का संदेश

जनहित फाउंडेशन की निर्देशिका अनीता राणा ने कहा, “समाज में बदलाव लाने के लिए सरकार के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों और आम नागरिकों की भागीदारी बेहद जरूरी है। हमें बाल विवाह के खिलाफ न केवल जागरूकता फैलानी होगी, बल्कि इसके उन्मूलन के लिए ठोस कदम भी उठाने होंगे।”

बाल विवाह रोकने के लिए शिक्षा का महत्व

कार्यक्रम में शिक्षा को बाल विवाह रोकने का सबसे सशक्त माध्यम बताया गया। फाउंडेशन की टीम ने ग्रामीणों को यह समझाया कि बेटियों को शिक्षित करना न केवल उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाता है, बल्कि यह समाज को भी सशक्त करता है।

गांव की बेटियों का उत्साह

कार्यक्रम में शामिल किशोरियों ने इस अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वे अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाएंगी।

बाल विवाह मुक्त भारत की ओर एक कदम

यह जागरूकता अभियान भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का एक अभिन्न हिस्सा है। यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रहा है।

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