- मेरठ में 17 हजार रईसों का राशन कार्ड घोटाला, 10 हजार कार्ड निरस्त
- अमीरों ने वर्षों तक सरकारी राशन का उठाया लाभ, जरूरतमंदों को नहीं मिला हक
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हाल ही में सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में 17 हजार रईसों को राशन कार्ड की सुविधाएं मिलती रही हैं। इन अमीर व्यक्तियों ने सरकारी राशन का लाभ उठाते हुए वर्षों तक मुफ्त में चावल और गेहूं प्राप्त किया। इस घोटाले की जांच के बाद, प्रशासन ने 10 हजार राशन कार्ड को निरस्त करने का निर्णय लिया है।
इस मामले की गंभीरता को समझने के लिए अधिकारियों ने राशन वितरण की प्रक्रिया की समीक्षा की। रिपोर्टों के अनुसार, हर महीने करीब 50 हजार सदस्यों ने 255 क्विंटल राशन लिया। हैरान करने वाली बात यह है कि इस वितरण में 5 हजार से अधिक मृतकों के नाम पर भी राशन जारी किया गया था। यह स्थिति इस बात को उजागर करती है कि कैसे कुछ रईस लोग सरकारी सुविधाओं का गलत इस्तेमाल कर रहे थे, जबकि असली जरूरतमंद लोग इन सुविधाओं से वंचित रह गए।
इस मामले में जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राशन कार्डों की जांच की और स्पष्ट किया कि अब से कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी सामाजिक स्थिति में हो, राशन कार्ड का लाभ नहीं उठा सकेगा यदि वे उसकी वैधता के लिए योग्य नहीं हैं। जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में जो भी अनियमितताएँ सामने आई हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घोटाले ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किस हद तक हो सकता है। अब जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि जरूरतमंद लोगों को उनके हक का राशन समय पर और सही तरीके से मिले।
सौ बात की एक बात
इस मामले ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि कैसे सिस्टम में सुधार लाया जाए ताकि ऐसी अनियमितताएँ भविष्य में न हो सकें। प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना तुरंत दें, ताकि सभी को उनके अधिकार मिल सकें।
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