मेरठ के मवाना थाने में भाजपाइयों से मारपीट का आरोप, पुलिसकर्मी और सपा नेता विवाद के घेरे में

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, कार्रवाई न होने पर बाजार बंद की चेतावनी

मेरठ: मवाना थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया है। इससे गुस्साए भाजपाइयों ने थाने में जमकर हंगामा किया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। भाजपाइयों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें उनकी ही सरकार में डंडों से पीटा, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता थाने में आराम से बैठकर चाय पी रहे थे। इस घटना ने स्थानीय राजनीति में हड़कंप मचा दिया है, और भाजपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो मवाना के बाजार बंद कर दिए जाएंगे।

घटना का विवरण

रविवार शाम को मवाना थाने में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट के आरोप लगाते हुए हंगामा किया। भाजपा के जिला सह संयोजक सौरभ शर्मा और उनके सहयोगियों का दावा है कि मंदिर विवाद के चलते पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने न केवल उन्हें डंडों से पीटा, बल्कि उन्हें अपराधियों की तरह थाने में घसीटकर हवालात के बाहर एक बेंच पर बिठा दिया।

भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जब पुलिस उनके साथ मारपीट कर रही थी, तब सपा के नेता एसओ के कमरे में बैठकर चाय पी रहे थे। भाजपाइयों का यह सवाल था कि जब उनकी ही सरकार सत्ता में है, तो फिर पुलिस द्वारा उन्हें क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

मंदिर विवाद की जड़

यह विवाद मवाना के गुड़ मंडी स्थित एक मंदिर को लेकर दो पक्षों के बीच लंबे समय से चल रहा है। दोनों पक्षों के बीच हालात उस समय बिगड़े जब एक महिला मंदिर में पूजा करने गई, और उस पर कथित तौर पर टिप्पणी की गई। इसके बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचे, जहां पर विवाद और बढ़ गया।

गौरतलब है कि व्यापार संगठन अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने संपूर्ण समाधान दिवस में भाजपा नेता और एक महिला समेत छह लोगों पर मंदिर के पास ठेली और पटरी वालों से तहबजारी वसूलने का आरोप लगाया था। वहीं, दूसरे पक्ष की ओर से श्रीरामलीला और शिवमंदिर कमेटी से जुड़े सौरभ शर्मा ने दो लोगों पर मंदिर से सामान चोरी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।

भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया

इस पूरे विवाद के बाद, भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष मनीष शर्मा, रोबिन गुप्ता, अमित गुप्ता, और आशु त्यागी सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं ने थाने में धरना दिया। उनका कहना था कि भाजपा के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के लिए काम करते हैं, लेकिन उन्हें अपनी ही सरकार में पुलिस के डंडे खाने पड़ रहे हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अपराधियों की तरह बर्ताव किया और उनके खिलाफ जानबूझकर शक्ति का दुरुपयोग किया। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे मवाना के बाजारों को बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

पुलिस का पक्ष

सीओ मवाना अभिषेक पटेल ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंदिर को लेकर दोनों पक्षों में विवाद था, जिसका मामला पहले से ही अदालत में चल रहा है। उन्होंने बताया कि थाने में दोनों पक्षों के बीच बहस हुई, जिसे शांत कराने के प्रयास किए गए। हालांकि, सीओ ने यह भी कहा कि मारपीट के आरोप सही नहीं हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक माहौल में तनाव

इस घटना के बाद मवाना में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे इस मामले को राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने उठाएंगे। वहीं, समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

सौ बात की एक बात….

यह घटना न केवल स्थानीय राजनीति में उथल-पुथल मचा रही है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास की कमी को भी उजागर करती है। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि पुलिस ने उनके साथ अन्याय किया है, और वे इस मामले में जल्द से जल्द न्याय चाहते हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी अधिक राजनीतिक गतिविधि देखी जा सकती है, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद करने की चेतावनी दे दी है।

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