- समलैंगिक संबंधों पर परिजनों का विरोध, भाजपा नेताओं संग थाने में हंगामा
- पंजाब जाकर समलैंगिक शादी करने पहुंचीं मेरठ की दो सहेलियां
- परिजनों ने लगाया संगीन आरोप
Meerut: मेरठ में दो युवतियों के समलैंगिक रिश्ते और विवाह की इच्छा ने बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है। सिविल लाइन और पल्लवपुरम थाना क्षेत्र की निवासी दो सहेलियों ने समाज और परिवार के विरोध के बावजूद साथ रहने और शादी करने का फैसला लिया। इन दोनों युवतियों ने एक माह पहले एसएसपी ऑफिस जाकर समलैंगिक विवाह की इच्छा जताई थी। इसके बाद उनके रिश्ते को लेकर दोनों परिवारों में तनाव बढ़ गया।
बीते शुक्रवार को पल्लवपुरम निवासी युवती के परिजन भाजपा महिला मोर्चा की नेताओं के साथ उसकी सहेली के घर पहुंचे और वहां हंगामा कर दिया। उन्होंने सहेली के परिवार पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें ड्रग्स देकर अपनी बेटी को समलैंगिक रिश्ते में धकेलने और अपहरण का आरोप शामिल था।
प्यार या विद्रोह: युवतियों का लिव-इन में रहने का निर्णय
सिविल लाइन और पल्लवपुरम क्षेत्र की दोनों युवतियां मेरठ के आबूलेन स्थित एक रेडिमेड शोरूम में साथ काम करती थीं। दोस्ती के बाद उनके रिश्ते ने गहरा मोड़ लिया। दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया और कचहरी में स्टांप पेपर पर अपने लिव-इन समझौते के दस्तावेज तैयार करवाए।
इसके बाद पल्लवपुरम की युवती को उसकी सहेली अपने घर ले गई, लेकिन जब उसके परिवार को इस रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्होंने अपनी बेटी को वापस घर बुलाकर सहेली से मिलने पर पाबंदी लगा दी।
एसएसपी ऑफिस में लगाई थी मदद की गुहार
करीब एक माह पहले, दोनों युवतियां एसएसपी ऑफिस पहुंचीं और अधिकारियों से समलैंगिक विवाह करने की अनुमति मांगी। अधिकारियों ने कानूनी प्रक्रिया की जानकारी लेकर फैसला लेने की बात कहकर उन्हें घर भेज दिया। इस घटना के बाद पल्लवपुरम निवासी युवती के परिवार ने उसकी सख्ती बढ़ा दी और उसे बागपत में मामा के घर भेज दिया।
पंजाब में रचाई शादी, परिजनों का विरोध जारी
गुरुवार को सिविल लाइन क्षेत्र की युवती बागपत पहुंची और अपनी सहेली को बहाने से अपने साथ लेकर चली गई। परिजनों को जब इसका पता चला तो उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा की नेता सुनीता रस्तोगी और शालीन त्यागी के साथ सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी की सहेली उसे ड्रग्स देकर और बहकाकर समलैंगिक रिश्ते में फंसा रही है। हंगामे के बाद युवती के सहेली के परिजनों ने बताया कि दोनों पंजाब में हैं और वहां जाकर शादी कर चुकी हैं।
सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।
समलैंगिक विवाह: समाज और कानून के बीच संघर्ष
यह मामला न केवल परिवारों और समाज की परंपराओं से टकराव का है, बल्कि समलैंगिक विवाह के अधिकारों पर जागरूकता की भी कमी को उजागर करता है। भारत में समलैंगिकता को 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, लेकिन समलैंगिक विवाह को अभी कानूनी मान्यता नहीं मिली है।