मेरठ BJP में गुटबाजी के चलते मंडल अध्यक्षों की घोषणा रुकी, महानगर अध्यक्ष के लिए नामांकन की तैयारी

मेरठ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आंतरिक गुटबाजी के कारण महानगर और जिले के मंडल अध्यक्षों की घोषणा अभी तक नहीं हो पाई है। इस बीच, भाजपा के चुनाव अधिकारी ने महानगर अध्यक्ष के लिए नामांकन की तारीख घोषित कर दी है। नामांकन प्रक्रिया 9 जनवरी को आयोजित की जाएगी। हालांकि, जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है।

मंडल अध्यक्षों की सूची पर अटका फैसला

पिछले दिनों प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर मेरठ जिले के 15 मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी। हालांकि, पांच मंडलों और महानगर के 16 मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा रोक दी गई थी। इसके बाद से लगातार नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हर दिन मंडल अध्यक्षों की सूची जारी होने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन भाजपा के अंदरुनी मतभेद के चलते यह मामला ठंडे बस्ते में है।

सोशल मीडिया पर नेताओं के व्यंग्य

मंडल अध्यक्षों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर सोशल मीडिया पर भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच व्यंग्यात्मक टिप्पणियां हो रही हैं। एक पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर लिखा, “परस्पर तालमेल के अभाव का यही परिणाम है।” वहीं, एक अन्य कार्यकर्ता ने मजाक में कहा, “जो हैं, उन्हें ही रहने दो सब जगह।”

महानगर अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रक्रिया

मेरठ महानगर भाजपा के चुनाव अधिकारी सलिल बिश्नोई ने जानकारी दी कि 9 जनवरी को हरमन सिटी स्थित पार्टी कार्यालय में महानगर अध्यक्ष के लिए नामांकन होगा। नामांकन प्रक्रिया दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी। सह चुनाव प्रभारी गजेन्द्र शर्मा ने बताया कि महानगर अध्यक्ष पद के लिए कुछ खास योग्यताओं का होना जरूरी है:

  1. उम्मीदवार की उम्र 45 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  2. उम्मीदवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं होना चाहिए।

गुटबाजी का असर संगठन पर

मेरठ में भाजपा की गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। मंडल अध्यक्षों की घोषणा को लेकर हो रही देरी ने संगठन के अंदर समन्वय की कमी को उजागर कर दिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि गुटबाजी के कारण मंडल अध्यक्षों की सूची बार-बार रोकी जा रही है।

कार्यकर्ताओं में नाराजगी

भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच इस देरी को लेकर निराशा बढ़ रही है। पार्टी के कुछ कार्यकर्ता मानते हैं कि यह देरी संगठन के प्रति जनता का विश्वास कम कर सकती है।

महानगर अध्यक्ष का चयन—क्यों है अहम?

महानगर अध्यक्ष का चयन भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पद संगठन की दिशा और कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में अहम भूमिका निभाता है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, नेतृत्व इस बार ऐसे व्यक्ति का चयन करना चाहता है, जो पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को मजबूती से आगे बढ़ा सके।

आगे का रास्ता

मंडल अध्यक्षों की घोषणा के बिना महानगर अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस और नाराजगी बनी हुई है। अब देखना यह है कि 9 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया के बाद पार्टी किसे महानगर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपती है और मंडल अध्यक्षों की घोषणा कब तक होती है।

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