मीरापुर में दलित-मुस्लिम एकता आजाद समाज पार्टी को दिला रही बढ़त, बीएसपी और एसपी को मिल रही कड़ी चुनौती
मीरापुर उपचुनाव में ASP की बढ़त: दलित समाज का भरोसा चंद्रशेखर आजाद पर
मीरापुर विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए दलित समुदाय ने चंद्रशेखर आजाद की अगुवाई वाली आजाद समाज पार्टी (ASP) का समर्थन करने का संकेत दिया है। West UP News द्वारा किए गए ग्राउंड सर्वे में सामने आया है कि दलित समाज, जो पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का समर्थन करता था, इस बार ASP के उम्मीदवार जाहिद हुसैन के पक्ष में है। यह समर्थन ASP के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि क्षेत्र में मुस्लिम समाज का भी ASP के साथ खड़ा होना उसके लिए एक मजबूत गठजोड़ बनाता है।
मीरापुर सीट पर ASP की लोकप्रियता क्यों बढ़ रही है?
मीरापुर के दलित समाज का कहना है कि उन्होंने अब चंद्रशेखर आजाद को अपना नेता मान लिया है। उनके अनुसार, आजाद समाज पार्टी का एजेंडा और चंद्रशेखर आजाद का सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण उन्हें प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, मुस्लिम समुदाय का ASP की ओर रुझान ASP को इस चुनाव में मजबूत स्थिति में ला रहा है।
क्षेत्र में ASP की बढ़ती लोकप्रियता सपा, रालोद और बसपा जैसी पार्टियों के लिए चुनौती बन रही है, जो इस उपचुनाव में मीरापुर सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं। पिछले 2022 के विधानसभा चुनाव में यह सीट रालोद के पास थी, लेकिन इस बार ASP की मजबूत उपस्थिति चुनाव को रोमांचक बना रही है।
दलित-मुस्लिम गठजोड़: ASP के लिए एक मजबूत आधार
मीरापुर के दलित समुदाय का मानना है कि मुस्लिम समाज का समर्थन ASP को अधिक मजबूती देगा। मुस्लिम समाज के ASP के साथ जुड़ने से एक नई राजनीतिक एकजुटता बन रही है, जो दलित-मुस्लिम एकता को बढ़ावा दे सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एकजुटता अन्य पार्टियों के जातीय समीकरणों को चुनौती दे सकती है और ASP को चुनावी जीत का एक सुनहरा अवसर प्रदान कर सकती है।
2027 विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर
यह उपचुनाव राज्य के राजनीतिक माहौल पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है, खासकर 2027 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में। दलित-मुस्लिम एकता, ASP की बढ़ती लोकप्रियता और बसपा का समर्थन खोना, अन्य पार्टियों के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है। साथ ही, कांग्रेस पार्टी के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बावजूद उपचुनाव से बाहर रहने के निर्णय ने मुकाबले को और रोचक बना दिया है।
सौ बात की एक बात
मीरापुर उपचुनाव में दलित समाज का ASP की ओर रुझान चंद्रशेखर आजाद और उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा समर्थन है। यदि यह समर्थन वोटों में बदलता है, तो मीरापुर में ASP की जीत संभव है। 13 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को नतीजों के साथ मीरापुर उपचुनाव के नतीजे पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।