Lucknow News: लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। आगामी 26 से 27 जनवरी के बीच प्रदेश के 98 जिलाध्यक्षों में से 75-80 जिलाध्यक्षों की घोषणा होने की संभावना है। बाकी जिलों के नाम फिलहाल होल्ड किए जा सकते हैं। इस बार चयन प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की कड़ी भूमिका देखने को मिल रही है, जिसने सिफारिशी नेताओं के खिलाफ वीटो लगाया है।
संगठनात्मक चुनाव और स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी
प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन देने वालों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है। प्रदेश के 98 संगठनात्मक जिलों में से लगभग 90 में नामांकन प्रक्रिया पूरी कराई गई थी। इस बार जिलाध्यक्ष पद के चयन में संघर्षशील और समर्पित कैडर को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, आरएसएस ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट कहा कि सिफारिश के आधार पर जिलाध्यक्षों का चयन पार्टी की नीतियों के खिलाफ है। इसके बाद स्क्रीनिंग प्रक्रिया और कड़ी कर दी गई।
नोएडा में हुई थी समन्वय बैठक
कुछ समय पहले नोएडा में प्रदेश भाजपा नेतृत्व और संघ के बीच एक समन्वय बैठक हुई थी। इसमें संगठनात्मक चुनाव, मंडल से लेकर जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया और कैडर कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर चर्चा हुई। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बैठक के दौरान संघ ने स्पष्ट किया कि संगठनात्मक पदों पर बेदाग, संघर्षशील और समर्पित कैडर को ही मौका दिया जाना चाहिए। पिछले लोकसभा चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार जिलाध्यक्षों को नई जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी।
संघर्षशील कैडर को मिलेगा मौका
समन्वय बैठक में संघ ने कहा कि जिन जिलाध्यक्षों ने संगठन के लिए ईमानदारी और मेहनत से काम किया है, उन्हें ही प्राथमिकता दी जाए। 60 साल की उम्र और दो साल का कार्यकाल पूरा करने वाले नेताओं को इस बार जिलाध्यक्ष बनाने की नीति अपनाई जा रही है।
इसके अलावा, यह भी तय किया गया कि सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं के खास लोगों को संगठन में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यदि कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलता, तो संघ से जुड़े योग्य और संघर्षशील कार्यकर्ताओं को जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा।
कार्यकर्ताओं में दिखी नाराजगी
संगठनात्मक चुनाव के दौरान कई कार्यकर्ताओं ने मंडल और जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों को लेकर नाराजगी जताई। संघ ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र प्रचारकों से फीडबैक लिया।
सूत्रों के अनुसार, कई विधायक अपने करीबियों को जिलाध्यक्ष बनाने की सिफारिश कर रहे थे। संघ ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि संगठन में वही लोग आने चाहिए, जो भाजपा और संघ की नीतियों पर खरे उतरें।
घोषणा से पहले संघ की भूमिका महत्वपूर्ण
प्रदेश भाजपा में जिलाध्यक्ष पद की घोषणा से पहले संघ की सक्रियता इसे और महत्वपूर्ण बना रही है। संघ ने जोर देकर कहा है कि जिलाध्यक्ष चयन में सिफारिशों को नजरअंदाज कर संगठन के विकास और मजबूती को प्राथमिकता दी जाए।
Sau Baat Ki Ek Baat
इस बार जिलाध्यक्ष पद के चयन में संघ और भाजपा के बीच बेहतर समन्वय देखने को मिल रहा है। संघर्षशील और समर्पित कार्यकर्ताओं को मौका देने की नीति से न केवल संगठन को मजबूती मिलेगी, बल्कि कैडर कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ेगा।
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Web Title: Lucknow News: List of BJP district presidents will be announced on January 27, Sangh expressed displeasure over recommended leaders