सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय किसान मेले में अनमोल भैंसा बना आकर्षण का केंद्र, 23 करोड़ की कीमत और विशेष डाइट ने सबको किया दंग
मेरठ, उत्तर प्रदेश – सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ में आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला और कृषि उद्योग प्रदर्शनी ने इस बार अनोखे आकर्षणों से दर्शकों का मन मोह लिया। तीन दिवसीय इस मेले का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री बलदेव औलख द्वारा किया गया। लेकिन इस मेले की सबसे बड़ी चर्चा का केंद्र बना हरियाणा के सिरसा से आया एक भैंसा, जिसका नाम है “अनमोल।”
अनमोल भैंसा: 23 करोड़ रुपये की कीमत ने सबको किया स्तब्ध
अनमोल, जो एक मुर्रा नस्ल का भैंसा है, अपनी अद्वितीयता और भारी-भरकम कीमत के कारण इस मेले में आने वाले सभी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। अनमोल की कीमत 23 करोड़ रुपये है, जो किसी भी सामान्य व्यक्ति को चौंकाने के लिए काफी है। इस कीमत की तुलना में, 15 मर्सिडीज या 2 रोल्स रॉयस खरीदी जा सकती हैं, लेकिन यह भैंसा इन सभी लग्जरी गाड़ियों से महंगा साबित हो रहा है।
अनमोल की ख़ासियत और डाइट
इसकी ऊंची कीमत के पीछे कई कारण हैं, जिनमें इसका शारीरिक गठन, ईनाम जीतने का रिकॉर्ड और इसकी डाइट प्रमुख हैं। अनमोल के मालिक जगतार सिंह ने बताया कि अनमोल आठ साल का है और उसने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ईनाम जीते हैं। जगतार सिंह के अनुसार, अनमोल की डाइट में रोजाना शामिल होती हैं:
- 5 किलो दूध
- 4 किलो अनार
- 30 केले
- 20 अंडे
- 250 ग्राम बादाम
- गुलकंद और चारा
इतना ही नहीं, अनमोल को दिन में दो बार नहलाया जाता है और उसकी सरसों और बादाम के तेल से मालिश की जाती है। इस तरह की डाइट और देखभाल से उसकी सेहत और ताकत बनी रहती है, जो उसे एक अनूठा और बेशकीमती बनाती है।
सीमन की ऊंची मांग और मुनाफा
अनमोल के मालिक ने बताया कि यह भैंसा मुर्रा नस्ल का है, जिसकी वजह से इसके सीमन की काफी मांग रहती है। जगतार सिंह ने खुलासा किया कि अनमोल के सीमन की बिक्री से हर महीने 4-5 लाख रुपये का मुनाफा होता है। इसके सीमन के लिए पूरे देश से लोग उनसे संपर्क करते हैं, जिससे वे हर महीने लाखों रुपये कमाते हैं।
इसके अलावा, अनमोल की डाइट पर हर महीने 60 हजार रुपये का खर्च आता है, जो उसकी शानदार स्थिति और सेहत को बनाए रखने के लिए किया जाता है।
किसान मेले में उमड़ी भारी भीड़
जब लोगों को पता चला कि किसान मेले में 23 करोड़ रुपये के भैंसे “अनमोल” को लाया गया है, तो उसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोग न केवल अनमोल को देखकर हैरान थे, बल्कि उसके साथ सेल्फी लेने का मौका भी नहीं छोड़ रहे थे।
दिल्ली के अमित, हापुड़ के श्याम सिंह, बागपत के राजपाल, और गढ़ के वीर सिंह जैसे लोग विशेष रूप से इस भैंसे को देखने आए थे।
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इस कार्यक्रम ने किसानों को कृषि के भविष्य में हो रहे परिवर्तनों से अवगत कराया और उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
अन्य आकर्षण: लक्ष्मी और रानी
अनमोल के अलावा, इस मेले में लक्ष्मी और रानी नाम की दो भैंसे भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं। ये दोनों भैंसे हर दिन 30 लीटर दूध देती हैं, जो उन्हें खास बनाती है। इनके अलावा, देसी नस्ल की गाय और बैल भी प्रदर्शनी में दिखाए गए, जो किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए थे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का संबोधन
मेले का उद्घाटन करने के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे मेलों का आयोजन किसानों के लिए नई संभावनाएं खोलता है। उन्होंने कहा, “किसान मेला किसानों को नई तकनीक, नवाचार और उन्नत कृषि उपकरणों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है और इस प्रकार के मेलों से किसानों को नई तकनीकों से जुड़ने और बाजार की मांग को समझने का अवसर मिलता है।
भैंसे की लोकप्रियता और सोशल मीडिया पर चर्चा
अनमोल भैंसा सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है। लोग इस महंगे भैंसे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा कर रहे हैं। कई लोगों ने इस पर मजेदार टिप्पणियां भी की हैं, जबकि कुछ ने इसे “कृषि की दुनिया का सुपरस्टार” बताया है।
समापन
मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित यह किसान मेला न केवल कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों और नवाचारों का प्रदर्शन करने का मंच बना, बल्कि “अनमोल” जैसे अद्वितीय भैंसों ने लोगों को अपनी ओर खींचा।
यह मेला कृषि उद्योग में हो रहे परिवर्तनों को दर्शाता है और इसने किसानों को प्रेरित किया कि वे अपनी पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों को भी अपनाएं। ऐसे आयोजनों से न केवल किसानों को लाभ होता है, बल्कि यह समाज के अन्य वर्गों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।
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