Haryana Election Results 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने कई राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया है। नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की अगुवाई वाली आजाद समाज पार्टी (केएसपी) ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन के बावजूद पार्टी को कई सीटों पर 500 से भी कम वोट मिले।
चुनाव नतीजों से पता चला कि हरियाणा में आजाद समाज पार्टी की स्थिति कमजोर रही। अंबाला सिटी में पार्टी की उम्मीदवार पारुल नागपाल उदयपुरिया को सिर्फ 2423 वोट मिले और वह इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहीं। जगाधरी में एएसपी (केएसपी) उम्मीदवार को सिर्फ 2684 वोट मिले और वह पांचवें स्थान पर रहे। नीलोखेड़ी में करम सिंह को सिर्फ 387 वोट मिले, जिससे वह आठवें स्थान पर रहे।
सोनीपत में आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार राजेश को मात्र 227 वोट मिले और वह सातवें स्थान पर रहे। महेंद्रगढ़ में शशि कुमार को 464 वोट मिले और वह नौवें स्थान पर रहे। रेवाड़ी में मोकी देवी को 206 वोट मिले और वह आठवें स्थान पर रहीं। सोहना में विनेश गुज्जर घाटा को 2040 वोट मिले और वह सातवें स्थान पर रहे। पुन्हाना में अताउल्लाह को 829 वोट मिले और वह पांचवें स्थान पर रहे। पलवल सीट पर हरित कुमार को 2578 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। पृथला में गिरिराज जटोला को 270 वोट मिले और वह 12वें स्थान पर रहे। चुनाव के शुरुआती नतीजों में भाजपा ने 48 सीटों पर बढ़त बना ली है, जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर आगे है। इनेलो को 2 और अन्य दलों को 3 सीटों पर बढ़त मिली है। वोट प्रतिशत के लिहाज से भाजपा को 39.93%, कांग्रेस को 39.10% और बसपा को 1.82% वोट मिले हैं। जेजेपी को मात्र 0.90% वोट मिले हैं, जो पार्टी के लिए बड़ा झटका है।
ये नतीजे चंद्रशेखर के लिए निराशाजनक साबित हुए हैं, क्योंकि पिछले चुनावों में पार्टी ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया था। अब सवाल यह है कि क्या आजाद समाज पार्टी अपनी रणनीति बदलकर भविष्य के चुनावों के लिए नई दिशा में आगे बढ़ेगी।
इस चुनाव परिणाम ने हरियाणा की राजनीतिक दिशा को नया मोड़ दिया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर के बीच आजाद समाज पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने पर गंभीरता से विचार करना होगा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे इस बात का संकेत हैं कि राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं और आने वाले समय में हरियाणा की राजनीति में नई चुनौतियां सामने आएंगी।