Baba Siddique: बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या, सिद्दीकी महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा नाम हैं. वे तीन बार विधायक रहे हैं.

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी, मुंबई में बढ़ती असुरक्षा पर सवाल

मुंबई: महाराष्ट्र में एनसीपी के अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना बांद्रा के खेरवाड़ी सिग्नल के पास हुई, जब सिद्दीकी पर गोलीबारी की गई। उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के पास हुई इस घटना में बाबा सिद्दीकी को तीन गोलियां लगीं। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

बाबा सिद्दीकी, जो तीन बार विधायक रह चुके थे, महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख नाम थे। घटना की जानकारी मिलते ही मुंबई क्राइम ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंच गईं। पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने सिद्दीकी पर छह राउंड फायरिंग की, जिसमें से तीन गोलियां उन्हें लगीं।

बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद, बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान भी लीलावती अस्पताल पहुंचे। सिद्दीकी और खान के बीच दोस्ताना रिश्ते थे, और इस दुखद घटना ने फिल्म इंडस्ट्री में भी हलचल मचा दी है।

इस हत्या के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि यदि पूर्व विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? उन्होंने गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफे की मांग की, यह कहते हुए कि यदि वे अपने विधायकों और पूर्व मंत्रियों को सुरक्षा नहीं दे सकते, तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

दुबे ने आरोप लगाया कि मुंबई की सड़कों पर दिनदहाड़े गोलीबारी हो रही है और अपराधियों में कोई डर नहीं है। उन्होंने महायुति और भाजपा की नीतियों पर भी कटाक्ष किया, यह कहते हुए कि ये नीतियां राजनीति को बदनाम कर रही हैं।

इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को फिर से परखने के लिए मजबूर कर दिया है। जब एक प्रभावशाली नेता की हत्या होती है, तो यह संकेत देता है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। इससे पहले भी कई नेता ऐसे हमलों का शिकार हो चुके हैं, और अब जनता इस बात को लेकर चिंतित है कि क्या सरकार उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित कर पाएगी।

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने केवल उनके समर्थकों और राजनीतिक दलों को ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी हिला दिया है। इस मामले की जांच को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सभी की नजरें रहेंगी, और इस बात का इंतज़ार रहेगा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएगी।

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