जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सपा मुखिया का शासन-प्रशासन पर हमला, लोकतंत्र पर लगातार प्रहार का आरोप
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास किया, लेकिन सरकार ने लखनऊ स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को सील कर दिया। यह घटना सपा नेता के लिए नई नहीं है, क्योंकि पिछले साल भी उन्हें इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने 8 फीट ऊंचे गेट को कूदकर अंदर जाकर माल्यार्पण किया था।
इस बार, JPNIC के गेट पर टीन की ऊंची दीवार बनाई गई है, जिससे अखिलेश यादव के श्रद्धांजलि अर्पित करने की कोशिशों में रुकावट आ रही है। इस पर अखिलेश यादव ने शासन-प्रशासन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं है।”
सपा के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी गई। पार्टी ने लिखा, “बीजेपी सरकार लगातार लोकतंत्र पर प्रहार कर रही है। यूपी सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनके नाम पर बने जेपीएनआईसी पर दोबारा ताला लगाने का प्रयास किया है। यह बहुत निंदनीय है।”
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण न करने देना बीजेपी की “गंदी राजनीति” को दर्शाता है। सपा ने स्पष्ट किया कि वे इन “तानाशाहों” के आगे झुकने वाले नहीं हैं। इस तरह के सरकारी कार्यों को विकास कार्यों के लिए शर्मनाक बताते हुए सपा ने कहा कि इस सरकार ने महापुरुषों का अपमान किया है।
ताजा राजनीतिक तनाव
यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में तनाव का नया अध्याय जोड़ती है, जहाँ सपा और बीजेपी के बीच टकराव जारी है। सपा नेताओं का आरोप है कि बीजेपी सरकार का यह कदम लोकतंत्र के खिलाफ है, और इससे यह स्पष्ट होता है कि वे राजनीतिक विरोध को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
सपा की प्रतिक्रिया इस बात की ओर इशारा करती है कि पार्टी आने वाले चुनावों में बीजेपी के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तत्पर है। अखिलेश यादव का यह कदम उनके नेतृत्व में सपा की ताकत और उनकी राजनीतिक सोच को दर्शाता है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जैसे-जैसे जयप्रकाश नारायण की जयंती नजदीक आ रही है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अखिलेश यादव इस बार भी किसी प्रकार की रचनात्मक रणनीति अपनाएंगे, ताकि वे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें, या फिर उन्हें फिर से सरकारी बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अखिलेश यादव ने भी एक पोस्ट किया है. इसमें सरकार पर हमला बोला है. पोस्ट में कहा भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है।
- भाजपा ने श्रद्धांजलि के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने PDA के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सौहार्द के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने अमन-चैन के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने संविधान के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने आरक्षण के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने किसानों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने नारी-सम्मान के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने युवा-विकास के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सच्चे मीडिया के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने नौकरी के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने कारोबार के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने पेंशन के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने शिक्षामित्रों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने शिक्षक भर्ती के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने आशा-आंगनबाड़ी के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने ‘यश भारती’ के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने कलाकर्मियों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सच्चे खिलाड़ियों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सामाजिक न्याय के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने समता-समानता के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने हक़ माँगनेवालों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने ख़ुशहाली के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने तरक़्क़ी के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सुनहरे भविष्य के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने स्वतंत्रता के रास्ते रोके हैं
भाजपाई हमेशा स्वतंत्रता-सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के विरोधी रहे हैं। रास्ते रोकना इन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ रहने और दबे-छुपे उनका साथ देने से सीखा है।
जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!